धर्म क्या है ? और अधर्म क्या है
धर्म ही मनुस्य के लिए सही राह तथा सफल और सरल मार्ग है। इसे आप अपने दैनिक जिवन मे झाक के देखे तो आपको इर्द-गिर्द अधर्म के मार्ग पर चलने वाला मनुष्य ही आपको नजर आयेंगे।
धर्म और अधर्म में फ़र्क़ क्या है?
धर्म और अधर्म के बारे आज हम चर्चा करेंगे। इससे पहले हमको जानना जरुरी है, धर्म क्या है, धर्म का मार्ग कैसे अपनाए और अधर्म क्या है? तथा कौन-कौन से लोग इसमे बन्धे है?
सच तो यह है की धर्म और अधर्म एक ऐसी डोरी है अगर एक मे बन्धने से मौक्ष तथा स्वर्ग मे सुख की अभिलाशा मिलती है तो दुसरा पाप के बन्धनो मे बांधकर उसे नरक मे धकेल देता है। अगर आप अपने आस-पास कुछ लोगो को देखे होंगे या कोई काम से किसी से मिले होंगे, उस वक्त आपको कुछ लोग ऐसे मिले होंगे जो प्रेम भावना से बात करके आपको सम्मान दिये होंगे और वही दुसरी तरफ देखे होंगे की कुछ लोगों की जुबान ऐसी होती है की आपकी तकलीफ़ो को देखे बिना ही आपके साथ बतसूली से पेश आते है। यही तो दोनो मे फर्क है। इसे आपको ज्यादा जनने की जरुरत भी नही हो सकती है। आप चाहे तो अपने आस-पास भी देख सकते है।
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Dharm kya hai? in hindi
आज कल कुछ लोग महाभारत episode ज्यादा देख रहे है। उन्हे मालुम होना चाहिये धर्म के बारे मे, क्योकी महाभारत ही ईस्वर के द्वारा किया गया रचना है, जो हमे धर्म और अधर्म के बारे मे विस्तार पुर्वक ज्ञान दिलाता है।
धर्म को समझने के लिए आपके अन्दर दुसरे की तकलीफ, विवस्ता तथा किसी वेवस और लाचार स्त्री पर किये गये अत्याचारो से आप ऊन्हे मुक्ति दिलाते है यही धर्म है। धर्म अनेक प्रकार के कर्यो के किया जा सकता है। इन्हे परिभाषित करना सरल नही है। इसे परिभाषित करने पर तूल जाये तो हम कितने पेज और कितने book की रचना कर देंगे फिर भी कम है।
Adharm kya hai? in hindi
अक्सर जो लोग अधर्मी होते है वे जान नही पाते है की अधर्म क्या है? वे लोग जान कर भी अंजान बनते है। वे दूसरो पर अत्यचार और पाप की कमाई से अपने परिवार को चलाते रहते है। वे समझते है की हम ऐसा नही करेंगे तो हमर परिवार सुख कैसे भोगन्गे और साथ ही साथ मुझे सुख कैसे मिलेगा। इसी सोच के कारण कुछ लोग कही घुस का रस्ता अपनाते है तो कही गरिब और लाचार वेवस लोगो को अपने कमाई का मोहरा बना लेते है।
अधर्म की नास के लिए हमे क्या करना चाहिये?
अधर्म की नास के लिए महाभारत मे काई उपाय दिये गये है। आप अभी कोई फिल्म मे भी देख सकते है कुछ हीरो विलियन को खत्म करने के लिए उसे विलेन के साथ मिलना परता है। कृष्ण ने महाभारत मे समझाया है की अधर्मी किचर मे खडे होकर किसी स्वस्छ और साफ्सुथरे वस्त्र वाले धर्म व्यक्ति के उपर पत्थर फेके तो उसे उस किचर मे स्वय चले जन चाहिये वर्ना उसका अन्त कभी नही हो पायेगा और वो अधर्मी पत्थर फेकता ही रहेगा।
इसी तरह जो युग चलता रहे उसी युग मे ढलकर अधार्मि को नास किया जा सकता है। कभी कभी सत्य को दिखने के लिए असत्य का भी सहर लेना पडता है।
तो आप लोग कय समझे अधर्म को खत्म करना चाहिये की नही आप हमे कॉमेंट मे बताईये और इसके बारे मे और अधिक जनना है आप हमेरे ब्लोग को फ़्लो भी कर दे ताकि मेरि पोस्ट सबसे पहले आपके पास पहुंच सके।
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महाभारत कथा : धर्म और अधर्म – क्या है इनमें अंतर?
और हमारे कुछ अन्य article निचे दिये गये है उसे भी पढ़े
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